मुंबई स्थित सिविल कंस्ट्रक्शन फर्म कैपेसाइट इंफ्राप्रोजेक्ट्स ने अपने हालिया रुझान के अनुरूप 2025-26 (वित्त वर्ष 26) में 20% राजस्व वृद्धि का लक्ष्य रखा है। प्रमोटर और कार्यकारी निदेशक सुबीर मल्होत्रा ने कहा कि कंपनी ने पिछले साल भी इसी तरह की वृद्धि हासिल की थी और मजबूत ऑर्डर बुक के सहारे फिर से ऐसा करने की उम्मीद है।
मुंबई स्थित सिविल कंस्ट्रक्शन फर्म कैपेसाइट इंफ्राप्रोजेक्ट्स ने अपने हालिया रुझान के अनुरूप 2025-26 (वित्त वर्ष 26) में 20% राजस्व वृद्धि का लक्ष्य रखा है। प्रवर्तक और कार्यकारी निदेशक सुबीर मल्होत्रा ने कहा कि कंपनी ने पिछले साल भी इसी तरह की वृद्धि हासिल की थी और मजबूत ऑर्डर बुक के सहारे फिर से ऐसा करने की उम्मीद है।
लाभप्रदता के मामले में, कंपनी ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन (EBITDA) मार्जिन से पहले वार्षिक आय को 17% तक बढ़ाने का लक्ष्य बना रही है, जो कि पिछले समय में लगातार हासिल किया गया है। ऑर्डर बुक स्वस्थ बनी हुई है। अकेले पहली तिमाही में, कंपनी ने ₹1,200 करोड़ से अधिक के नए ऑर्डर हासिल किए, जिसमें सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट (SBUT), इंडस, रेमंड और हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए डेटा सेंटर की परियोजनाएँ शामिल हैं।
कैपेसाइट को चालू वित्त वर्ष में कुल 3,600 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
हाल ही में मिली जीतों में से एक यह है कि कंपनी को मुंबई के भिंडी बाज़ार में पुनर्विकास परियोजना के लिए SBUT से ₹621 करोड़ का अनुबंध मिला है। कार्य के दायरे में परियोजना के सेक्टर 07 के लिए कोर और शेल निर्माण, फ़िनिशिंग और MEPF (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग और अग्निशमन) सेवाएँ शामिल हैं।मल्होत्रा ने माना कि मौजूदा बाजार माहौल में नए ऑर्डर हासिल करना कोई चिंता की बात नहीं है, लेकिन उद्योग के लिए श्रम की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। उन्होंने बताया कि तकनीक के ज़रिए मैनुअल श्रम पर निर्भरता कम करना और श्रम प्रतिधारण रणनीतियों को लागू करना इस समस्या को हल करने के कुछ तरीके हैं।
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